Lyrics of Ghazals
Friday, May 25, 2012
शाम से आँख में नमी सी है
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
दफ्न कर दो हमे की सांस मिल
नव्ज कुछ देर से थमी सी है
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
इसकी आदत भी आदमी सी है
कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तस्लीम लाजमी सी है
Lyricist : Gulzar
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment