Thursday, December 30, 2010

या तो मिट जाईये या मिटा दीजिये

या तो मिट जाईये, या मिटा दीजिये,
कीजिये जब भी सौदा, ख़रा कीजिये ।

अब जफ़ा कीजिये, या वफ़ा कीजिये,
आख़री वक़्त है, बस दुआ कीजिये ।

अपने चेहरे से, ज़ुल्फ़ें हटा दीजिये,
और फिर चाँद का, सामना कीजिये ।

हर तरफ़ फूल ही फूल खिल जायेंगे,
आप ऐसे ही हँसते, रहा कीजिये ।

आपकी ये हँसी जैसे घुँघरु बजे,
और क़यामत है क्या ये बता दीजिये ।

Lyricist : Wajida Tabassum

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