ना शिवाले, ना क़लीसा, ना हरम झूठे हैं,
बस यही सच है के तुम झूठे हो हम झूठे हैं |
हमने देखा ही नहीं बोलते उनको अब तक,
कौन कहता है के पत्थर के सनम झूठे हैं |
उनसे मिलिये तो, ख़ुशी होती है उनसे मिलकर,
सेहर के दुसरे लोगों से, जो कम झूठे हैं |
कुछ तो है बात जो, तहरीरों में तासीर नहीं,
झूठे फ़नकार नहीं हैं, तो कलम झूठे हैं |
Lyrics : Ayaz Jhansvi
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