Lyrics of Ghazals
Wednesday, May 23, 2012
मैं चाहता भी यही था वो बेवफा निकले
मैं चाहता भी यही था वो बेवफा निकले
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले
किताब लाके पन्ने उलट के देख ज़रा
न जाने कौन सा पन्ना मुडा हुआ निकले
जो देखने में बहुत ही करीब लगता है
उसी के बारे में सोचो तो फासला निकले
Lyricist : Waseem Barelvi
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