मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है
सरे आईना मेरा अख्स है बसे आईना कोई और है
मैं किसी के दस्ते तलब में हूँ तो किसी के हर्फे दुआ में हूँ
मैं नसीब हूँ किसी और का मुझे मांगता कोई और है
तुझे दुश्मनों की खबर न थी मुझे दोस्तों का पता न था
तेरी दास्ताँ कोई और थी, मेरा वाक्या कोई और है
Lyricist : Saleem Kausar
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