Wednesday, December 29, 2010

या तो मिट जाईये या मिटा दीजिये

या तो मिट जाईये या मिटा दीजिये
कीजिए जब भी सौदा खरा कीजिए

अब जफा कीजिए या वफ़ा कीजिए
आखरी वक़्त है बस दुआ कीजिए

अपने चेहरे से जुल्फें हटा दीजिये
और फिर चाँद का सामना कीजिए

हर तरफ फूल ही फूल खिल जायेंगे
आप ऐसे ही हंसते रहा कीजिए

आप की ये हँसी जैसे घूंगरू बजे
और क़यामत है क्या ये बता दीजिये

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