Friday, December 31, 2010

मेरी ज़िन्दगी किसी और की मेरे नाम का कोई और है

मेरी ज़िन्दगी किसी और की, मेरे नाम का कोई और है,
मेरा अक्स है सर–ए–आईना, बसे–आईना कोई और है ।

मेरी धड़कनो में है चाप सी, ये जुदाई भी है मिलाप सी,
मुझे क्या पता मेरे दिल बता, मेरे साथ क्या कोई और है ।

ना गये दिनो को खबर मेरी, न शरीक़–ए–हाल नज़र तेरी,
तेरे देश में मेरे भेष में, कोई और था कोई और है ।

वो मेरी तरफ निगराँ रहे, मेरा ध्यान जाने कहाँ रहे,
मेरी आँख में कई सूरते, मुझे चाहता कोई और है ।

Lyricist : Muzaffar Warsi

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